यूपी चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में जारी घमासान को खत्म कराने की कोशिशें लखनऊ में जारी हैं. हालांकि, बात बनती अभी नहीं दिख रही. गुरुवार देर रात तक लखनऊ में सुलह पर बैठकों का दौर चलता रहा. इस बैठक में मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, अमर सिंह और शिवपाल यादव मौजूद थे. शुक्रवार सुबह शिवपाल यादव अखिलेश से मिलने उनके घर गए और फिर मुलायम सिंह से मिले. इसके बाद अमर सिंह मुलायम सिंह के घर पहुंचे. बेनी प्रसाद वर्मा भी मुलायम के घर पहुंचे हैं. ये मीटिंग पर खत्म हो गई है. अमर सिंह और शिवपाल वहां से जा चुके हैं. इस बीच, आजम खान मुलायम के घर पहुंचे हैं. सुबह से सुलह के फॉर्मूले पर दोनों पक्षों के नेता सहमति बनाने में लगे हुए थे. लेकिन अभी बात बनती हुई नहीं दिख रही. हालांकि, दिल्ली में अखिलेश गुट के नेता पार्टी सिंबल पर दावा जताते दिखे. रामगोपाल यादव ने कहा कि अधिकांश, सांसद-विधायक-एमएलसी हमारे साथ हैं और पार्टी सिंबल पर उनका ही हक है. इसी बीच मुलायम सिंह के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की खबर भी आई जिसे बाद में रद्द कर दिया गया.
अमर सिंह ना आते तो बन जाती बात: नरेश अग्रवाल
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने मुलायम-अखिलेश के बीच सुलह की संभावनाओं पर कहा है कि अगर अमर सिंह लखनऊ ना आते तो मामला सुलझ जाता. लेकिन अब वो यहां आ गए हैं ऐसे में मामला सुलझना मुश्किल है.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने मुलायम-अखिलेश के बीच सुलह की संभावनाओं पर कहा है कि अगर अमर सिंह लखनऊ ना आते तो मामला सुलझ जाता. लेकिन अब वो यहां आ गए हैं ऐसे में मामला सुलझना मुश्किल है.
अमर सिंह का पलटवार
नरेश अग्रवाल के बयान पर अमर सिंह ने जमकर पलटवार किया है. अमर सिंह ने नरेश अग्रवाल का बिना नाम लिए कहा कि जो लोग सभी पार्टियों में रहे और अपने अनुभव से मुझे बीजेपी का एजेंट कह रहे हैं. बीजेपी से अभी तक संबंध नहीं रहा है. जिन जिन लोगों का विरोध मुख्यमंत्री ने किया, जो दागी थी आज सब उज्जवल हो गए. सारे दागदार लोगों की छवि साफ हो गए. जिस परिस्थिति ये गतिरोध हुआ है. हम अखिलेश को साधुवाद देते हैं, यशस्वी होने का आशीर्वाद देते हैं. मैं चाहता हूं समन्वय हो. मुलायम सिंह की हैसियत अभी भी ऊपर हैं. हैसियत अमावस्या और पूर्णिमा का चांद नहीं है. चोट बाहरी से नहीं मिलती है, अपने से लड़ना मुश्किल होता है. अपनों से जब लड़ाई होती है तो मिट्टी में मिलना पड़ता है.
नरेश अग्रवाल के बयान पर अमर सिंह ने जमकर पलटवार किया है. अमर सिंह ने नरेश अग्रवाल का बिना नाम लिए कहा कि जो लोग सभी पार्टियों में रहे और अपने अनुभव से मुझे बीजेपी का एजेंट कह रहे हैं. बीजेपी से अभी तक संबंध नहीं रहा है. जिन जिन लोगों का विरोध मुख्यमंत्री ने किया, जो दागी थी आज सब उज्जवल हो गए. सारे दागदार लोगों की छवि साफ हो गए. जिस परिस्थिति ये गतिरोध हुआ है. हम अखिलेश को साधुवाद देते हैं, यशस्वी होने का आशीर्वाद देते हैं. मैं चाहता हूं समन्वय हो. मुलायम सिंह की हैसियत अभी भी ऊपर हैं. हैसियत अमावस्या और पूर्णिमा का चांद नहीं है. चोट बाहरी से नहीं मिलती है, अपने से लड़ना मुश्किल होता है. अपनों से जब लड़ाई होती है तो मिट्टी में मिलना पड़ता है.
ज्यादातर सांसद-विधायक अखिलेश के साथ- रामगोपाल
लखनऊ में सुलह की कोशिशों के बीच रामगोपाल यादव ने दिल्ली में कुछ अलग तरह की बात की. रामगोपाल ने दावा किया कि 229 में से 212 विधायक अखिलेश के साथ हैं. 68 में से 56 एमएलसी और 24 में से 15 सांसद हमारे साथ हैं. इन सभी नेताओं के अखिलेश के पक्ष में हलफनामें पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. शुक्रवार शाम तक अखिलेश गुट चुनाव आयोग में अपना जवाब दाखिल करेगा. रामगोपाल यादव ने कहा कि असली समाजवादी पार्टी वही है जो अखिलेश के साथ है और हम चुनाव जीत कर सरकार बनाएंगे. रामगोपाल यादव ने कहा कि साइकिल चुनाव चिन्ह हमें मिलना चाहिए.
लखनऊ में सुलह की कोशिशों के बीच रामगोपाल यादव ने दिल्ली में कुछ अलग तरह की बात की. रामगोपाल ने दावा किया कि 229 में से 212 विधायक अखिलेश के साथ हैं. 68 में से 56 एमएलसी और 24 में से 15 सांसद हमारे साथ हैं. इन सभी नेताओं के अखिलेश के पक्ष में हलफनामें पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. शुक्रवार शाम तक अखिलेश गुट चुनाव आयोग में अपना जवाब दाखिल करेगा. रामगोपाल यादव ने कहा कि असली समाजवादी पार्टी वही है जो अखिलेश के साथ है और हम चुनाव जीत कर सरकार बनाएंगे. रामगोपाल यादव ने कहा कि साइकिल चुनाव चिन्ह हमें मिलना चाहिए.
आजम सुलह की कोशिश में लगे
लखनऊ में पिछले दो दिन से सपा में कलह को सुलझाने और सुलह का फॉर्मूला बनाने में तमाम नेता जुटे हुए हैं. इस बार आजम खान ने जिम्मा उठाया हुआ है. वहीं अकेले नेता हैं जो दोनों गुटों के बीच बात कर रहे हैं. गुरुवार देर रात जब शिवपाल यादव और अमर सिंह, मुलायम सिंह यादव से मिलकर वापस लौटे तो गाड़ी मुलायम सिंह यादव के घर से बाहर निकली और बिना रुके सीधी निकल गई. हालांकि अमर सिंह और शिवपाल पहले कह चुके हैं कि वे दोनों पिता-पुत्र के बीच समझौते के हक में तो हैं लेकिन मुलायम सिंह का सम्मान बरकरार रहना चाहिए.
लखनऊ में पिछले दो दिन से सपा में कलह को सुलझाने और सुलह का फॉर्मूला बनाने में तमाम नेता जुटे हुए हैं. इस बार आजम खान ने जिम्मा उठाया हुआ है. वहीं अकेले नेता हैं जो दोनों गुटों के बीच बात कर रहे हैं. गुरुवार देर रात जब शिवपाल यादव और अमर सिंह, मुलायम सिंह यादव से मिलकर वापस लौटे तो गाड़ी मुलायम सिंह यादव के घर से बाहर निकली और बिना रुके सीधी निकल गई. हालांकि अमर सिंह और शिवपाल पहले कह चुके हैं कि वे दोनों पिता-पुत्र के बीच समझौते के हक में तो हैं लेकिन मुलायम सिंह का सम्मान बरकरार रहना चाहिए.
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