-- भारतीय क्रिकेट कप्तान के कोच का सहारनपुर में जोरदार स्वागत
-- बोले कोच-खेल और खिलाड़ियों, दोनों को प्रोत्साहित करें संस्थाएं
जन लीडर न्यूज़
सहारनपुर। नेशनल स्पोट्र्स वेलफेयर एसोसिएशन की और से भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान विराट कोहली के कोच एवं दिल्ली के पूर्व रणजी खिलाड़ी राजकुमार शर्मा का शहर आगमन पर सम्मान किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केवल कागजी दावे करने से कुछ नहीं होता, तस्वीर बदलनी है तो ठोस कार्य भी करने होंगे। यही सकारात्मक सोच अपनाकर खेल प्रोत्साहन के लिए सक्रिय संस्थाओं को आगे आना चाहिए।
रविवार को चकराता स्थित कैंप कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल विरमानी, महासचिव जावेद साबरी व समाजसेवी हाजी फजलुर्रहमान कुरैशी ने संयुक्त रूप से बुके, शाॅल और अभिनंदन पत्र भेंट करके राजकुमार शर्मा को सम्मानित किया। कोच राजकुमार शर्मा ने एसोसिएशन के खेलों के प्रति समर्पण और कार्याे की सराहना करते हुए कहा कि सहारनपुर से अच्छे खिलाड़ी निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्थाएं तो बहुत है लेकिन वे कागजों तक सीमित रहती हैं और वास्तविकता के धरातल पर नेशनल स्पोट्र्स वेलफेयर एसोसिएशन की तरह खिलाड़ियों को प्रोत्साहित नहीं करती हंै।
इससे पूर्व अध्यक्ष विमल विरमानी ने एसोसिएशन के कार्याे व आयोजनों पर चर्चा करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि आज विराट कोहली की कप्तानी में वनडे मैच खेला जा रहा है और उनके कोच हमारे बीच मौजूद हैं। महासचिव जावेद साबरी ने कहा कि एसोसिएशन भविष्य में खेलों के कुछ बड़े आयोजन सहारनपुर में कराएगी, जिनके माध्यम से विभिन्न्ा खेल प्रतिभाओं को सामने आने का अवसर मिलेगा। इस दौरान अरविंद शर्मा, हाजी फजलुर्रहमान, जैन समाज के अध्यक्ष राजेश जैन, गय्यूर आलम एडवोकेट, कंवलजीत सिंह, हरजीत सिंह, दानिश आजम, अनित गर्ग, रमन वर्मा, सुरेंद्र सिंह, विनीत विरमानी, ईशान साबरी, केतन विरमानी, राजन अरोड़ा, शमशाद अली, प्रवीण तनेजा, वसीम अख्तर, नफीस अहमद मामू व इकराम ने राजकुमार शर्मा को बुके भेंट किया और माल्यार्पण से स्वागत किया।
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कोच-कप्तान का रिश्ता बेहद भावनात्मक
सहारनपुर। भारतीय कप्तान विराट कोहली की कामयाबी में कोच राजकुमार शर्मा का योगदान किसी से छुपा नहीं है। दोनों के बीच हमेशा बेहद भावनात्मक रिश्ता रहा है। अनुभवी खेल पत्रकार विजय लोकपल्ली की किताब में इसका बखूबी जिक्र है। पुस्तक में खुद राजकुमार के शब्दों में उल्लिखित है कि, ‘मैंने एक दिन घंटी बजने पर दरवाजा खोला तो सामने विराट के भाई विकास खड़े थे। इतनी सुबह उसके आने से मुझे चिंता हुई। विकास ने अंदर आकर एक नंबर लगाया और फोन मुझे दे दिया। दूसरी ओर विराट था, जिसने कहा, हैपी टीचर्स डे सर। इसके बाद विकास ने मेरी हथेली पर चाबियों का एक गुच्छा रखते हुए उन्हें घर से बाहर आने को कहा। दरवाजे पर एक स्कोडा रैपिड कार थी, जो विराट ने अपने गुरु को उपहार में दी थी। बकौल राजकुमार, बात सिर्फ यह नहीं थी कि विराट ने मुझे तोहफे में कार दी बल्कि पूरी प्रक्रिया में उसके जज्बात जुड़े थे और तब मुझे लगा कि हमारा रिश्ता कितना गहरा है।‘
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